सनस्पाॅट AR2770 पहुंचा सकता है धरती को नुकसान, मंगल ग्रह जितना बड़ा है आकार

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sunspot AR2770

Huge sunspot AR2770 turning towards Earth that may hit GPS, radio communications and more

सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे अहम और महत्वपूर्ण स्टार है, जो पृथ्वी समेत सभी ग्रहों को आपस में जोड़े रखने का काम करता है। लेकिन यह सूर्य ऊर्जा और तापमान से जितना भरा हुआ है, उतना ही मनुष्य और पृथ्वी के लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सूर्य की सतह पर कई तरह के सौर तूफान यानि सोलर फ्लेयर्स निकलती रहती हैं, जो बेहद गर्म और खतरनाक होती हैं।

दरअसल पिछले 11 सालों से सूर्य की सतह पर किसी प्रकार की हलचल नहीं देखी गई, लेकिन हाल के दिनों में उसकी सतह पर बड़ा सनस्पॉट यानि धब्बा विकसित हुआ है। यह धब्बा इतना बड़ा है कि उससे निकलने वाली सोलर फ्लेयर्स धरती को काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकती हैं। अगर यह सोलर फ्लेयर्स बड़े पैमाने पर निकलती हैं तो इससे धरती वासियों को संचार, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, हवाई यात्रा समेत समुद्री तूफान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

वैज्ञानिकों की मानें तो हर 11 साल में सूर्य की सतह पर काफी बदलाव देखे जाते हैं, जो उसके तापमान और ऊर्जा पर प्रभाव डालते हैं। पिछले 11 सालों से सूर्य शांत था, लेकिन अब उसकी सतह पर हलचल देखी गई है। वैज्ञानिकों ने सूर्य की सतह पर बनने वाले इस सनस्पॉट को AR2770 का नाम दिया है, जो आकार में काफी बड़ा है और धरती की तरफ घूमता दिखाई दे रहा है।

AR2770 से पहले ही कई छोटे सोलर फ्लेयर्स बाहर निकल चुके हैं, लेकिन अगर यह बढ़े तो धरती पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं। पृथ्वी की तरह घूम रहे इस सनस्पॉट ने हमारे वायुमंडल में आयनीकरण (Ionization) की क्रिया तो शुरू कर ही दी है, लेकिन अब तक किसी बड़ी घटना के संकेत नहीं मिले है।

सूर्य की सतह पर बनने वाले सनस्पॉट एक प्रकार के काले धब्बे होते हैं, जो अंतरिक्ष में बनने वाले तारों की तुलना में काफी ठंडे होते हैं। लेकिन इनका मैग्नेटिक फील्ड इतना ज्यादा होता है कि इससे विशाल मात्रा में ऊर्जा निकलती है। इसी ऊर्जा को सौर ज्वाला या सोलर फ्लेयर्स के नाम से जाना जाता है। इन सोलर फ्लेयर्स को सौर तूफान (Solar Storm) या कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejection) भी कहा जाता है। सूर्य की सतह पर बनने वाले इन सनस्पॉट्स का आकार कई बार 50 हजार किलोमीटर व्यास diameter का भी होता है।

सूर्य की सतह पर बने AR2770 नामक सनस्पॉट की पहली तस्वीर अमेरिका के फ्लोरिडा में रहने वाले मार्टिन वाइज ने खींची है। इस धब्बे का आकार मंगल ग्रह के बराबर है, जिसके अंदर कई छोटे-छोटे धब्बे मौजूद हैं।

National Oceanic and Atmospheric Administration (NOAA) का कहना है कि यह सौर तूफान अंतरिक्ष में बहने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक धारा में बदलाव पैदा कर सकते हैं। साथ ही धरती के चारों तरफ मौजूद इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड में इलेक्ट्रॉन्स या प्रोटॉन्स की मात्रा को बढ़ा या घटा सकते हैं, जिससे धरती के Communications System पर असर पड़ सकता है। हालांकि अब तक AR2770 सनस्पॉट से पृथ्वी की संचार प्रणाली पर कोई खास असर नहीं पड़ा है, लेकिन हो सकता है कि आने वाले कुछ दिनों में यह समस्या उत्पन्न हो जाए। लिहाजा आप सभी सतर्क रहें।

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