क्या हम एक अरब मंजिला इमारत बना सकते हैं?

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Billion Floor Building

ऊंची-ऊंची इमारतें हमारी जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी हैं, कम जगह में ज्यादा से ज्यादा लोगों के रहने के लिए बनाई गई यह इमारतें बेहतरीन इंजीनियरिंग और डिजाइन का जीता-जागता नमूना है। आज शहर के शहर इन ऊंची-ऊंची इमारतों की वजह से विकसित होते जा रहे हैं। वहीं शहर की भीड़-भाड़ में लोगों को रहने के लिए के लिए कम जगह में अच्छे फ्लैट और घर भी उपलब्ध हैं।

यह तो आप सभी जानते होंगे कि दुनिया की सबसे ऊंची इमारत होने का खिताब बुर्ज खलीफा को दिया जाता है, जो दुबई में मौजूद है। यह इमारत अपनी अलग बनावट और ऊंचाई के लिए काफी मशहूर है, जिसकी कुल लंबाई 829 मीटर है और इसमें कुल 163 फ्लोर हैं। दुबई में ऐसी कई ऊंची-ऊंची इमारतें मौजूद हैं, लेकिन बुर्ज खलीफा की बात ही निराली है।

Burj Khalifa Dubai

इसी तरह प्राचीन काल में भी राजा-महाराजा ऊंची इमारतों का निर्माण करवाते थे। दिल्ली में मौजूद कुतुब मीनार की गिनती इतिहास की सबसे ऊंची इमारतों में की जाती है। इन ऊंची इमारतों से शहर का खूबसूरत और मनमोहक नजारा देखने को मिलता है। लेकिन क्या हो अगर धरती पर बुर्ज खलीफा या कुतुब मीनार से भी कई गुना ऊंची इमारत का निर्माण किया जाए। जी हां… आपने बिल्कुल सही सुना, एक ऐसी इमारत जहां से आप न सिर्फ शहर या देश बल्कि पूरी धरती और अंतरिक्ष का खूबसूरत और अविश्वसनीय नजारा देख सके।

एक ऐसी बिल्डिंग जिसकी खिड़की के झांकने पर आपको सड़क नहीं बल्कि बादल, उल्कापिंड और आसमान में तैरते पत्थर दिखाई दें। यह सब किसी खूबसूरत कल्पना से कम नहीं लगता। लेकिन आज हम आपको इसी तरह की ऊंची इमारत के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अगर धरती पर बन गई तो आपका और हमारा जीवन पूरी तरह से बदल जाएगा। तो आइए जानते हैं क्या हो अगर धरती पर 1 अरब मंजिला इमारत का निर्माण किया जाए-

SHIMIZU MEGA CITY PYRAMID

Shimizu Mega-City Pyramid
Credit: theguardian

जापान के टोक्यो शहर में Mega-City Pyramid बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, इस विशाल संरचना को खड़ा करने के लिए लगभग 1,000,000 लोग काम करेंगे। इस विशाल पिरामिड की ऊंचाई 2004 मीटर है, जो मिस्र के गीज़ा पिरामिड से भी 5 गुना बड़ा है। इस परियोजना के तहत अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों का पता लगाने की कोशिश की जाएगी। इस पिरामिड को बनाने का काम साल 2030 में शुरू किया जाएगा, क्योंकि अभी इस इमारत को खड़ा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में साम्रगी और पैसा नहीं है।

अगर SHIMIZU MEGA CITY PYRAMID बनकर तैयार हो जाता है, तो यह दुनिया में मानव संरचना का सबसे बेहतरीन उदाहरण होगा। इस इमारत में एक साथ लगभग 10 लाख से ज्यादा लोग फिट हो सकते हैं। अब जरा सोचिए अगर इस ऊंचाई वाली इमारत में 10 लाख लोग फिट हो सकते हैं, तो 1 अरब मंजिला इमारत में कितने लोग फिट होंगे।

ऊंची इमारतें बनाने के पैमाने

किसी भी बिल्डिंग या इमारत को बनाने के लिए सबसे पहले उसका बेस यानि निचला हिस्सा मजबूत करने की जरूरत पड़ती है। इमारत जितनी ऊंची होगी, धरती के नीचे उसका बेस उतना ही मजबूत करना होगा। नहीं तो बड़ी इमारत ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएंगी और न ही सुरक्षा के लिहाज से सही होगी। तो अगर 1 अरब मंजिला इमारत बनानी है, तो मजदूरों को लगभग 10 लाख मंजिल के बराबर धरती के अंदर एक मजबूत बेस तैयार करना होगा ताकि वह बिल्डिंग का भार उठा सके। इसके लिए कई लाख टन लोहा, सीमेंट और कंक्रीट आदि की जरूरत पड़ेगी। लेकिन सबसे पहले यह जानते हैं कि 10 हजार और 1 लाख मंजिला इमारतों को तैयार करने के लिए इंजीनियर्स को क्या करना होगा।

10 हजार मंजिला इमारत

बुर्ज खलीफा के इंजीनियर WILLIAM BAKER की मानें तो अगर हम माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई वाली यानि 8,848 मीटर ऊँची इमारत का निर्माण करें तो उसका बेस 4 हजार स्क्वायर किलोमीटर के एरिया में फैला होना चाहिए। इससे ही बिल्डिंग को मजबूती से खड़े होने की ताकत मिलेगी। इसके अलावा बिल्डिंग को खड़ा करने के लिए मजबूत पिलर्स की जरूरत होगी, ताकि बिल्डिंग में किसी प्रकार का झुकाव न आए। माउंट एवरेस्ट जितनी इस इमारत में लगभग 10 हजार फ्लोर होंगे।

हालांकि इतनी ऊंची बिल्डिंग को तैयार करने में सबसे बड़ा खतरा यह रहेगा कि क्या वह तेज और ताकतवर तूफान को झेल पाएगी। अगर कोई तेज तूफान बिल्डिंग से टकराया तो हो सकता है कि पूरी बिल्डिंग एक झटके में जमीनदोज़ हो जाए। इसलिए इतनी लंबी बिल्डिंग को हर परिस्थिति में खड़ा रखने के लिए उसका शेप पिरामिड, त्रिकोण या फिर अंडाकार रखना होगा। ताकि तेज तूफान टकराने पर वह गिर न जाए।

Great-Pyramid-of-Giza
Credit: earth

वहीं सीधी खड़ी इमारत तूफान आने की स्थिति में जल्दी गिर जाती है। यही नहीं इतनी बड़ी इमारत को सिर्फ सीमेंट से बनाना भी संभव नहीं है, इसलिए उसे बनाने के लिए ट्रांसपेरेंट एलिमुनियम (Transparent Aluminum) का इस्तेमाल करना होगा जो स्टील से 3 गुना ज्यादा मजबूत होता है। इस ट्रांसपेरेंट एलिमुनियम से बिल्डिंग तैयार करने का मतलब यह होगा कि आप उसके आर-पार आसानी से देख सकते हैं। इसमें मौजूद तत्व तूफान और तेज हवा जैसी प्राकृतिक आपदाओं को आसानी से झेल सकते हैं। इस तरह 10 हजार मंजिला इमारत तैयार हो जाएगी, अब जानते हैं 1 लाख मंजिला इमारत बनाने के लिए हमें कैसी तैयारी करनी होगी।

1 लाख मंजिला इमारत

skyscraper

अगर कोई 1 लाख मंजिला इमारत का निर्माण करने का फैसला लेता है, तो उस बिल्डिंग का सबसे ऊपरी हिस्सा स्पेस को लगभग छू जाएगा। यहां से आपको अंतरिक्ष में घूमती हजारों सैटेलाइट, हवा में तैरते लाखों पत्थर और इंटरनेशनल स्पेस सेंटर आसानी से दिखाई देगा। लेकिन यहां सवाल खड़ा होता कि पृथ्वी के चक्कर लगा रहे वह लाखों पत्थर इमारत को कैसे खड़ा होने देंगे। क्योंकि उनके घूमने से बिल्डिंग को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में हमारे वैज्ञानिकों ने एक यंत्र तैयार किया है, जो काफी हद तक मछली पकड़ने वाले जाल की तरह लगता है। इस यंत्र का नाम REMOVE DEBRIS है, जिसके जरिए अंतरिक्ष में तैर रहे मलबे को हटाया जा सकता है।

REMOVE DEBRIS का वैज्ञानिकों ने परीक्षण भी किया है, जिसमें वह सफल हुए हैं। इसलिए इस यंत्र के जरिए अंतरिक्ष में घूम रहे मलबे को हटाया जा सकता है। जिसके बाद ट्रांसपेरेंट एलिमुनियम के जरिए 1 लाख मंजिला इमारत को आसानी से खड़ा किया जा सकता है। इस इमारत के बनने के बाद आप अंतरिक्ष के खूबसूरत नजारों का लुफ्त उठा सकते हैं, जिसमें कई लाख लोग एक साथ रह सकते हैं।

1 अरब मंजिला इमारत

अब जानते हैं कि 1 अरब मंजिला इमारत बनाने के लिए इंजीनियर्स को कौन-सी तिकडम लगानी होगी, ताकि वह आसानी से खड़ी भी हो सके और प्राकृतिक चीजों को झेल सके। अगर वैज्ञानिक रिसर्च की मानें तो धरती पर मौजूद तमाम चीजों के इस्तेमाल करके भी इंसान 1 अरब मंजिला इमारत की आधी बिल्डिंग भी तैयार नहीं कर सकता है। क्योंकि धरती में इतनी बड़ी इमारत का भार झेलने के लिए पावर नहीं है। इसके अलावा हमारे पास 1 अरब मंजिला इमारत बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में इलेक्ट्रिक और मैगनेटिक स्त्रोत भी नहीं है।

इसलिए अगर हम ऐसी कोई इमारत खड़ी करना चाहते हैं, तो हमें सूर्य से एनर्जी लेनी होगी। जिसके लिए वैज्ञानिकों को सूर्य के चारों तरफ DYSON SPHERE बनाकर उसकी एनर्जी लेनी होगी। यही नहीं इस बिल्डिंग को तैयार करने के लिए कंक्रीट और पत्थर जैसी चीजों की खपत पूरी करने के लिए दूसरे ग्रहों से मदद लेनी होगी।

दूसरे ग्रहों पर मौजूद चट्टानों और पत्थरों को धरती पर आयात करना होगा, क्योंकि हमारी धरती पर मौजूद पत्थर और कंक्रीट 1 अरब मंजिला इमारत बनाने के लिए काफी नहीं होंगे। इस बिल्डिंग को बनाने के लिए ज्यादा ऊर्जा और कंक्रीट के साथ-साथ कई टन लोहा, ट्रांसपेरेंट एलिमुनियम और लाखों मजदूरों की जरूरत होगी। इसके अलावा बिल्डिंग को बनाने के लिए कई खरब पैसा, समय और मेहनत लगेगी। तमाम चीजों के बाद जब यह बिल्डिंग आखिरकार बनकर तैयार हो जाएगी, तो उसका अनुभव हर किसी को चकित कर देगा। यह बिल्डिंग अपने आप में एक अलग दुनिया होगी, जिसमें पूरी दुनिया आसानी से समा सकती है।

1 billion floor Building
Credit: forbes

चूंकि इस बिल्डिंग की ऊंचाई अंतरिक्ष तक होगी, इसलिए उसमें ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा होना बेहद जरूरी है। जिसके लिए इमारत के चारों तरफ आर्टिफिशियल एटमॉस्फेयर (Artificial Atmosphere) का निर्माण करना होगा। यही नहीं इतनी बड़ी बिल्डिंग होने की वजह से यहां के हर हिस्से का एटमॉस्फेयर अलग होगा। अगर इस इमारत के हर फ्लोर की हाइट 5 मीटर भी रखी जाए, तो उस हिसाब से बिल्डिंग की कुल लंबाई 50 लाख किलोमीटर होगी। इस बिल्डिंग की वजह से चांद और पृथ्वी की दूरी कई गुना तक कम हो जाएगी।

इस 1 अरब मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर से सबसे ऊपरी फ्लोर तक जाने में शायद आपको अपनी नानी याद आ जाए। जी हां… जिस इमारत में पूरी दुनिया की आबादी समा सकती है, उसके टॉप फ्लोर तक पहुंचना बच्चों का खेल तो है नहीं। इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर से टॉप फ्लोर तक जाने के लिए आपको सीढ़ी या लिफ्ट की नहीं, बल्कि रॉकेट की जरूरत पड़ेगी। अगर आप एक रॉकेट के जरिए ऊपर पहुंचना चाहते हैं तो आपको लगभग 90 घंटे का समय लगेगा। और अगर आप सीढ़ियों से ऊपर पहुंचना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपकी हिम्मत की दाद देनी होगी।

इस बिल्डिंग के टॉप फ्लोर तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 30 अरब या उससे भी ज्यादा सीढ़ियां चढ़नी होगी। मान लिजिए आप 1 सेकेंड में 3 सीढ़ियां चढ़ते हैं, तो भी आपको टॉप फ्लोर तक पहुंचने में 310 साल का लंबा समय लग जाएगा। अब इतने सालों तक आप जिंदा रहेंगे या इमारत की सीढ़ियों पर ही दम तोड़ देंगे, यह तो तभी पता चल पाएगा जब ऐसी कोई बिल्डिंग बनकर तैयार होगी।

a billion floor Skyscraper
Credit: archdaily

सोचने में तो यह बिल्डिंग किसी खूबसूरत और साइनटिफिक सपने से कम नहीं लगती है, लेकिन असल में ऐसा प्रयोग करने से पहले पूरी दुनिया के देशों को आपस में विचार करना होगा। अगर कोई 1 देश भी इस परियोजना के खिलाफ होता है, तो धरती पर ऐसी किसी इमारत का निर्माण करवा पाना लगभग असंभव है। लेकिन अगर भविष्य में दुनिया के देश इस तरह की बिल्डिंग बनाने पर विचार करते हैं। तो उन्हें इसके लिए मोटी रकम, समय और अपने नागरिकों का समर्थन चाहिए होगा।

इसके अलावा ऐसी बिल्डिंग बनाने के लिए धरती की जमीन तो इस्तेमाल होगी ही साथ में पर्यावरण को भी काफी नुकसान होगा। पेड़-पौधों की कमी और धरती पर विशाल बिल्डिंग का भार कहीं न कहीं इस तरह की परियोजना के लिए बाधा बन सकता है। लिहाजा हम तो यही कहेंगे कि धरती पर दुबई का बुर्ज खलीफा ही सबसे ऊंची इमारत के रूप में काफी है। हमें और आपको प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए, वरना इसका बुरा असर हम सबको ही झेलना पड़ेगा।

तो आपको कैसा लगा 1 अरब मंजिला बिल्डिंग तैयार करने का मास्टर प्लान, हमें कमेंट सेक्सन में बताना बिल्कुल न भूलें। पृथ्वी पर ऐसी कोई बिल्डिंग बने या न बने, लेकिन हम आपको इस तरह की अद्भुत जानकारी देते रहेंगे, ताकि आपके दिमाग में दौड़ते जिज्ञासा के घोड़ों को शांत किया जा सके।

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