मंगल ग्रह पर रहने वाले एलियन्स अच्छे हैं या बुरे?

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Aliens Exist On Mars And Trump Knows About It, Claims Israel’s Former Space Chief:

धरती हमेशा से जीवंत रही है, जहां इंसान समेत विभिन्न प्रकार के जीव, जंतु और पक्षी निवास करते हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि जिस तरह धरती पर जीवन है, उसी तरह सौर मंडल के दूसरे ग्रहों पर जीवन हो सकता है। धरती के अलावा दूसरे ग्रह पर मौजूद जीवों को एलियंस कहा जाता है, बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक कई फिल्मों एलियंस और दूसरी दुनिया से जुड़े तथ्यों को उजागर किया गया है। वहीं धरती पर रहने वाले आम लोगों और वैज्ञानिकों ने भी कई बार उड़न तश्तरी या एलियंस देखने का दावा किया है। हाल ही में एलियंस का मुद्दा एक बार फिर उजागर हो गया है, जिसमें परग्रही धरती वासियों से संपर्क करना चाहते हैं। तो आइए जानते हैं क्या हैं एलियंस का मुद्दा, जो इन दिनों सुर्खियां बटौरे हुए है।

एक बार फिर गर्माया एलियंस का मुद्दा

यूं तो एलियंस को लेकर कई तरह के दावे किए गए हैं, जिन्हें लेकर आज तक पक्के सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में जिन लोगों ने एलियंस या यूएफओ को देखा, वह परग्रही होने की बात पर यकीन करते हैं। जबकि जिन लोगों ने इस तरह की चीजों को महसूस नहीं किया है, उनके लिए एलियन और उनका अस्तित्व संदेह भरा रहा है। यही वजह है कि दुनिया भर के अलग अलग वैज्ञानिक एलियंस से संपर्क करने और रेडियो सिग्नल के जरिए उनसे बात करने की कोशिश करते हैं। इसी कोशिश के चलते वैज्ञानिकों की एक इंटरनेशनल टीम (International Team of Scientist)को सौर मंडल में बहुत दूर से रेडियो सिग्नल (Radio Signal)मिल रहे हैं। आपको बता दें कि जिस ग्रह से रेडियो सिग्नल आ रहे हैं, वह ग्रह ताऊ बूट्स नामक तारा प्रणाली (Tau Boots star system) के अंतर्गत मौजूद है।

वैज्ञानिकों की रिसर्च से पता चलता है जिस ग्रह से रेडियो सिग्नल भेजे जा रहे हैं, वह धरती से 51 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद है। दूसरी दुनिया और उसमें निवास करने वाले एलियंस का पता लगाने के लिए काॅर्नल यूनिवर्सिटी (Cornell University) के शोधकर्ता और वैज्ञानिक एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि एलियंस पर की गई इस विशेष रिसर्च से जुड़े तथ्यों को साइंटिफिक जर्नल एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स में प्रकाशित किया गया है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें यह सिग्नल ताऊ बूट्स सिस्टम (Tau Bootes System) से मिल रहे हैं, जो रेडियो सिग्नल (Radio Signals)ग्रह की चुंबकीय क्षेत्र की ताकत और धुव्रीकरण की वजह से प्राप्त हो रहे हैं। रेडियो सिग्नल की स्टडी से यह पता चलता है कि धरती के अलावा किसी दूसरे ग्रह में भी जीवन हो सकता है। इन रेडियो सिग्नल्स के माध्यम से एलियंस की दुनिया का अध्ययन करने की संभावना बढ़ रही है और वैज्ञानिकों को इस विषय में आगे काम करने में भी मदद मिल रही है। आपको बता दें कि इससे पहले इजराइल के एक वैज्ञानिक दावा किया था कि ब्रह्मांड के किसी कोने में एलियंस मौजूद हैं, जिनसे संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।

दरअसल कुछ दिनों पहले इजरायल के पूर्व अंतरिक्ष सुरक्षा प्रोग्राम के प्रमुख हैम इशेद ने दावा किया था कि ब्रह्मांड में किसी न किसी जगह पर एलियन मौजूद हैं, जिनसे अमेरिका और इजरायल दोनों देश लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं हैम इशेद ने यह भी बताया कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी इस गतिविधि के बारे में पूरी जानकरी है। उन्हों्ने कहा कि एल‍ियन्सी की मौजूदगी को दुनिया से इसलिए छिपाकर रखा गया है, क्योंिकि मानव अभी इस बड़ी सच्चाई को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। हैम इशेद ने तकरीबन 30 साल तक इजरायल के स्पेेस सिक्यॉयरिटी प्रोग्राम का जिम्मा संभाला है, ऐसे में उनके द्वारा किए गए दावों ने लोगों के होश उड़ा दिए।

अखबार से बातचीत के दौरान हुआ बड़ा खुलासा

हैम इशेद ने हाल ही में एक इजरायली अखबार से बातचीत के दौरान एलियंस और उनसे जुड़ी गतिविधियों का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि एलियंस इंसानों के सामने खुल कर तब तक नहीं आएंगे, जब तक कि मानवता पूरी तरह से विकसित नहीं हो जाती। वहीं जब वैज्ञानिक अंतरिक्ष और अंतर‍िक्षयान के बारे में अपनी समझ पूरी तरह विकसित कर लेंगे, तब वह एलियंस के जीवन को समझने लायक हो जाएंगे। उन्होंरने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हवाला देते हुए कहा कि पृथ्वीब की यात्रा करने वाले एलियंस और अमेरिकी सरकार के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत परग्रही अमेरिकी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर धरती के ताने-बाने को समझना चाहते हैं।

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Credit: indiatv

हैम इशेद की मानें तो एलियंस से कहा गया है कि वह अपनी उपस्थिति के बारे में घोषणा न करें, क्योंमकि मानवता अभी इस बदलाव के लिए तैयार नहीं है। डोनाल्ड ट्रंप एक बार एलियंस की मौजूदगी का ऐलान भी करना चाहते थे, लेकिन एलियंस ने उन्हें शांत रहने के लिए कहा। दरअसल एलियंस चाहते हैं कि मानव पहले मानसिक रूप से स्वस्थ और समझदार बनें, ताकि वह सौर मंडल में छिपे रहस्यों को जान और समझ सके। इसलिए जब तक मानव पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो जाता, तब तक अमेरिका एलियंस की मौजूदगी की बात दुनिया को नहीं बता सकता।

एलियंस और अमेरिका के बीच गुप्त समझौता

इजरायली विशेषज्ञ हैम इशेद ने कहा कि अमेरिकी सरकार और एलियंस के बीच एक गुप्त समझौता हुआ है, जिसके तहत परीक्षण को लेकर हस्ताक्षर भी किए गए हैं। एलियंस पूरे ब्रह्मांड के ताने-बाने पर शोध कर रहे हैं और उसे समझने की कोशिश कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि अमेरिकी एजेंट्स इस काम में उनकी मदद करें। हैम इशेद ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि मंगल ग्रह की गहराइयों में एलियंस का एक अड्डा मौजूद है, जहां उनके प्रतिनिधि और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं।

हैम इशेद ने कहा कि मैंने 5 साल पहले एलियंस और अमेरिका के समझौते से जुड़े रहस्यों को दुनिया भर के वैज्ञानिकों के सामने लाना चाहा, लेकिन मैं जहां भी इस जानकारी को लेकर गया उन्होंने मुझे पागल कहकर वापस घर भेज दिया। हैम ने कहा कि मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है, मुझे मेरी डिग्री और काम के लिए ढेर साले अवार्ड मिले हैं। ऐसे में मुझे नाम कमाने के लिए एलियंस को लेकर झूठ बोलने की जरूरत नहीं है। हैम इशेद ने अपनी एक किताब में जिक्र किया है कि एलियंस किस तरह से पृथ्वी पर परमाणु त्रासदी को रोकने में मदद कर सकते है।

आपको बता दें कि प्रोफेसर हैम इशेद साल 2011 में जब अपने कार्यकाल से रिटायर हुए थे, तो उन्हें इजरायली मीडिया द्वारा इजरायल के सैटलाइट कार्यक्रम का जनक कहकर सम्मानित किया गया था। ऐसे में कहा जा सकता है कि हैम इशेद द्वारा किए गए दावे अमेरिका और एलियंस के बीच हुए समझौते की सच्चाई बयां करते हैं। हालांकि इस दावे को लेकर अभी तक अमेरिकी वैज्ञानिकों या पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। तो क्या यह मान लिया जाए कि सौर मंडल में इंसान अकेले जीवित प्राणी नहीं है और एलियंस का अस्त्तिव सच में है। इस बारे में आपकी क्या राय है, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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