इन ग्रहों पर आप कभी नहीं जाना चाहोगे

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5 Terrifying Planets You Don't Want To Visit

5 Terrifying Planets You Don’t Want To Visit

इस ब्रहमांड में कई तरह के ग्रह हैं जैसे gas giants, rocky planets, ice giants etc । जैसे Jupiter और Saturn gas giants हैं वहीं Earth ,Mars, Mercury और Venus rocky planets और Neptune और uranus ice giants हैं। सबकी अलग अलग खूबी है लेकिन जीवन के ज्यादा chances rocky planets पर ही होते हैं। हमारे solar system  आठ ग्रह हैं इसी तरह ब्रहामांड अनंन्त है और इसमें ऐसे ही ना जाने कितने ही सौर मंडल हैं। हम इंसानों ने अभी तक करीब 4000 से ज्यादा ग्रहों को खोज लिया है जिनमें से कुछ ग्रह तो ऐसे हैं जहां जीवन बसाया जा सकता है वहीं कुछ ग्रह  नर्क से भी बदतर हैं जहां आप सपने में भी नहीं जाना चाहेंगे। तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही कुछ planets के बारे में बताना चाहेगें।

51 Pegasi B

ये planet पृथ्वी से 50 light years की दूरी पर पिगासस नक्षत्र यानि constellation of Pegasuss में मौजूद है। इस ग्रह को दिसम्बर 1995 में खोजा गया था। ये एक gas giant है जो कि पृथ्वी से 150 गुना ज्यादा बड़ा है। ये ज्यादातर हीलियम और हाइड्रोजन से बना है जो अपने तारे के काफी करीब है। इसके तारे और इसके बीच की दूरी पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी से 100 गुना कम है। जिससे इस ग्रह का औसतन तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस रहता है। इस ग्रह पर हवा 1,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बहती है। इस प्लेनेट में आयरन भारी मात्रा में है जिससे कि ये लोहा vapour बनकर बादल में तब्दील होता है और फिर पिघला लोहा इस planet पर बरसता है। तो इस ग्रह की सैर करते वक्त आप अपना छाता लेना मत भूलिएगा।

COROT-Exo-3b

इस planet को COROT-3b भी कहते हैं। ये आज तक का खोजा गया सबसे dense planet है। इसका size तो Jupiter के जितना है पर dense होने की वजह से ये Jupiter से 20 गुना ज्यादा भारी है। ये ग्रह lead से भी दो गुना ज्यादा dense है। यहां की ग्रैविटी पृथ्वी से 50 गुना ज्यादा है। 100 किलो के आदमी का weight इस ग्रह में 5000 kg होगा। इतने dense होने की वजह से इस ग्रह में atmospheric pressure इतना ज्यादा है कि अगर कोई इंसान इस ग्रह में खड़ा हो जाए तो इसकी gravity और atmospheric pressure की वजह से उस इंसान की body कुछ seconds में ही चूर चूर हो जाएगी। यहां पर pressure ऐसा होगा मानो एक विशाल size का हाथी आपकी छाती पर बैठ गया हो।

WASP-12b

इस planet के लिए सिर्फ एक लाइन कहेंगे hottest planet ever discovered । इससे गर्म ग्रह हमें आज तक नहीं मिला। ये ग्रह अपने तारे का चक्कर इतने करीब से लगाता है कि आज तक ऐसा कोई planet नहीं मिला जो अपने host star का चक्कर इतने करीब से लगाए। इस ग्रह की सतह का औसत तापमान हमेशा 2,200 डिग्री सेल्सियस रहता है। इतने तापमान में human body vaporize हो जाए। इसकी सतह का तापमान सूर्य की सतह के तापमान से 56 प्रतिशत कम है। यानि एक ग्रह और एक तारे के बीच सिर्फ 56 प्रतिशत टेम्परेचर का डिफरेंस। हैरानी वाली बात है। इस ग्रह की सतह लावा से दोगुनी ज्यादा गर्म है। ये Jupiter से थोडा बडा है और इतने गर्म होने के कारण इसे hot Jupiter कहा जाता है। ये अपने तारे से 34 लाख किलोमीटर दूर है वहीं पृथ्वी सूर्य से लगभग 15 करोड किलोमीटर दूर है। इतने करीब होने के कारण पृथ्वी का एक दिन इस ग्रह पर एक साल गुजर जाता  है।

Mars

हम पृथ्वी को छोडकर मंगल ग्रह पर बसने का ख्वाब देख रहे हैं। जैसे वहां रहना तो बच्चों का खेल हो। फिल्म में हमने वहां आलू उगा लिए तो ऐसा लगता है जैसे हम वहां किसान बन जाएंगे और आदिवासियों की तरह जीवन की शुरूआत कर लेंगे। पर हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि मंगल एक बहुत ही खतरनाक ग्रह है। जिसके बारे में शायद आप ना जानते हों। मंगल ग्रह पर धूल का तूफान कुछ ही घंटों में उठता है और अपनी धूल में पूरे ग्रह को लपेट लेता है।

Solar system के सबसे बडे धूल के तूफान Mars में ही उठते हैं। इस धूल के तूफान का size Mount Everest से भी बडा होता है और इसकी speed 300 km/h होती है। धूल का ये तूफान इतना dense होता है कि Mars की सतह तक सूर्य की light ठीक तरह से नहीं पहुच पाती। घंटे भर में बना ये तूफान कई हफ्तों तक Mars को अपने मायाजाल में फंसाए रखता है।

Mars के तूफान normally Mars के 7.1 km गहरे गड्ढे में मौजूद धूल से उठते हैं उस गड्ढे के अंदर का तापमान Mars की सतह से 10 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होता है। इस क्रेटर के आसपास जैसे ही कोई छोटा मोटा तूफान उठता है तो इस क्रेटर की धूल और tempreature में 10 डिग्री सेल्सियस के अंतर का तापमान उस तूफान को और भी ज्यादा शक्तिशाली बना देता है। इतना ही नहीं ये पूरे Mars को अपने अंदर ढक लेता है।

Jupiter

Solar system का सबसे बडा ग्रह Jupiter है। इसे एक failed star भी कहते हैं। अब ये failed star क्या है? Jupiter को ऐसा इसलिए बोला जाता है क्योंकि इसके अंदर सेम वही elements है जो हमारे सूरज में पाए जाते हैं। यानि हाइड्रोजन और हीलियम। लेकिन Jupiter में इतना Mass नहीं है कि ये अपनी खुद की शक्ति और टेम्परेचर से हाइड्रोजन को हीलियम में fuse कर ले। जिससे कि ये एक सूरज बन जाए।

इस ग्रह का वायुमंडल यहां पर पृथ्वी के साइज से 2 से 3 गुना बडे तूफान पैदा करता है। यहां पर जो बिजली कडकती है वह पृथ्वी पर कडकने वाली बिजली से 100 गुना ज्यादा चमकदार होती है। Jupiter के 40 हजार किलोमीटर अंदर Liquid Metallic hydrogen का समुद्र है। धरती पर हाइड्रोजन एक कलरलेस और ट्रांसपेरेंट गैस की तरह होता है पर जुपिटर, हाइड्रोजन की ऐसी तैसी कर देता है। हाइड्रोजन के उस समुद्र में pressure इतना ज्यादा है कि हाइड्रोजन के atom liquid metal  का रूप ले लेते हैं जिसकी वजह  से वहां पर Electric current भारी मात्रा में पैदा होता रहता है।

जिस तरह पृथ्वी में जमीन होती है वहीं gas giant में कोई specific जमीन नहीं होती और Jupiter का atmosphere इतना dense है कि इसके अंदर radio waves भी पास नहीं कर पाती। अगर हम कोई यान इसके अंदर भेज भी दें तो हम उस यान से कभी connect नहीं हो पाएंगे क्योंकि हम communication के लिए radio wave का इस्तेमाल करते हैं और radio waves तो इसके atmosphere में ही absorb हो जाएगी। कुल मिलाकर इस ग्रह पर जाना एक सपना देखने जैसा है।

Jupiter पर रहना तो हमारे बस में नहीं क्योंकि हम उसके लायक नहीं और न ही वैज्ञानिक कभी उस ग्रह पर रहने की बात करते हैं। लेकिन बात करते हैं उस आलू वाले planet यानि Mars की। जिसे सौर मंडल में इंसानों के लायक अब तक का सबसे अच्छा उम्मीदवार माना जाता है। आपको क्या लगता है कि मार्स के भंयकर तूफान हमें इंसानों को वहां सुकून से रहने देंगे। हमें comment दें।

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