चीन के Tianwen-1 ने भेजी मंगल ग्रह की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर

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China's Mars Probe Tianwen-1

चीन द्वारा साल 2020 में मंगल ग्रह पर भेजे गए मिशन Tianwen-1 को लेकर अच्छी खबर आई है, इस यान ने मंगल ग्रह की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर भेजी है। चीन की स्पेस एजेंसी ने Tianwen-1 द्वारा भेजी गई तस्वीर को दुनिया के साथ शेयर करते हुए बताया कि यान ने इस तस्वीर को तकरीबन 14 लाख मील की दूरी से कैप्चर किया है। इस तस्वीर में मंगल ग्रह पर मौजूद बड़े बड़े क्रेटर्स यानि गड्ढों को साफ तौर पर देखा जा सकता है, ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि Tianwen-1 अपनी यात्रा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है।

First Photo of Mars From China's Tianwen 1 Probe
Credit: abc

चीन स्पेस एजेंसी China National Space Administration ने Tianwen-1 द्वारा भेजी गई तस्वीरों को लेकर खुशी जाहिर की है और इसे मिशन की कामयाबी बताया है। आपको बता दें कि इस वक्त Tianwen-1 धरती से तकरीबन 184 लाख किलोमीटर दूर है, जबकि मंगल ग्रह से इसकी वर्तमान दूरी 1.1 लाख किलोमीटर है। यह यान मंगल ग्रह की यात्रा कर वहां बर्फ और पानी की मौजूदा जगहों की तलाश करेगा, जबकि इस यान में लगे दूसरे उपकरण लाल ग्रह की भौगोलिक संरचना और जलवायु का पता लगाने का काम करेंगे। फिलहाल Tianwen-1 मंगल ग्रह की सतह से काफी दूर है, इसलिए वह कैमरे की मदद से ग्रह की ऊपरी तस्वीरें भेज रहा है।

आपको बता दें कि Tianwen-1 को 23 जुलाई 2020 को दक्षिणी चीन के हेनान प्रांत के वेनचांग स्पेस लॉन्च सेंटर से ‘लॉन्ग मार्च-5’ रॉकेट के जरिए छोड़ा गया था। इस यान में 6 पहिए लगे हुए हैं, जबकि इसका अनुमानित वजन 240 किलोग्राम तक है। अंतरिक्ष में Tianwen-1 आसानी से मुड़ सके, इसके लिए उसमें सोलर पैनल लगे हुए हैं। यान में एक लंबा खंभा मौजूद है, जिसके ऊपर कैमरा फिट किया गया है, यही कैमरा मंगल ग्रह की बाहरी और भीतरी तस्वीरें क्लिक करने के साथ साथ यान को नैविगेट करने में मदद करेगा।

Tianwen-1 को ‘क्वेस्शन्स टू हेवन’ यानि स्वर्ग से सवाल नाम दिया गया है, जिसमें लगे पांच अलग अलग उपकरण मंगल ग्रह पर मौजूद बर्फ, पानी और पत्थरों की खोज करके उनका अध्ययन करेंगे। अब तक मंगल ग्रह पर भेजे गए ज्यादातर मिशन फेल हुए हैं, इसलिए Tianwen-1 को लेकर चीनी वैज्ञानिकों ने काफी सर्तकता से काम किया है।

लाल ग्रह की सतह पर लैंडिंग करना ही ज्यादातर मिशनों की विफलता का कारण बना है, इसलिए Tianwen-1 की स्पीड कम करने और मंगल ग्रह पर उसकी एंट्री को लेकर यान में एक कैप्सूल, पैराशूट और रेट्रो-रॉकेट सेट किया गया है। अगर Tianwen-1 बिना किसी परेशानी के मंगल ग्रह के वातावरण में प्रवेश कर जाता है, तो यान पर लगा लैंडिंग मैकेनिजम सतह पर उतरने के लिए एक रैंप तैयार करके देगा।

China’s Mars 2020 rover
Credit: cnsa/xinhua

चीन के वैज्ञानिक चाहते हैं कि Tianwen-1 कम से कम 90 दिनों तक मंगल ग्रह की यात्रा करे, आपको बता दें कि लाल ग्रह पर एक दिन 24 घंटे 39 मिनट का होता है। ऐसे में अगर Tianwen-1 सफलतापूर्वक 90 दिन मंगल ग्रह की यात्रा कर लेता है, तो चीन मंगल ग्रह की सबसे लंबी यात्रा करने वाला पहला देश बन जाएगा। इससे पहले चीन ने साल 2019 में चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करके दुनिया में पहला स्थान प्राप्त किया था।

भले ही अब तक मंगल ग्रह की सतह का अध्ययन करने गए ज्यादातर मिशन विफल रहे हों, लेकिन दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने इस लाल ग्रह के परिवेश को लेकर अध्ययन जारी रखा है। Tianwen-1 10 फरवरी 2021 को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर गया।

गौरतलब है कि पिछले साल मंगल ग्रह की ओर तीन अलग अलग मिशन भेजे गए हैं, जिसमें चीन के Tianwen-1 के अलावा नासा का मार्स मिशन Perseverance Rover और संयुक्त अरब अमीरात यानि यूएई का होप प्रोब मिशन शामिल है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इनमें से किस देश के मिशन को मंगल ग्रह का अध्ययन करने में कामयाबी मिलती है।

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