तो क्या पार्कर सोलर प्रोब के पास है अमेरिका को सबसे शक्तिशाली बनाने वाले राज़

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Parker-Solar-Probe

पार्कर सोलर प्रोब ने की सूर्य की पहली परिक्रमा पूरी

हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि सूर्य एक बहुत बड़ा आग का गोला है ।जो सदियों से जलता आ रहा है और अभी इसमें इतनी ऊर्जा है कि ये कई लाखों नहीं करोड़ो नहीं बल्कि अरबों साल तक ऐसे ही जलता रहेगा। ये आग का गोला अपने आप में कई रहस्यों को छिपाए हुए है जिनके बारे में वैज्ञानिकों को भी आज तक नहीं पता। तभी हर दूसरा देश अब चांद के बाद सूरज पर जाकर अपना नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज कराना चाहता है । जिससे वो इसके गहरे राज़ को जानकर दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश बन सके। क्योंकि सूर्य के राज़ जानना मतलब दुनिया पर राज करना ।

इसीलिए तो  1976 में जर्मनी और अमेरिका ने मिलकर Helios 2 space probe को सूर्य पर भेजा था  जो सूर्य से 270 लाख मील की दूरी तक पहुंचा था । इसके बाद  पिछले साल 12 August 2018 को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने  अपना एक स्पेसक्राफ्ट पार्कर सोलर प्रोब को लॉन्च किया था। ये पहला ऐसा मिशन है, जो  सूर्य के सबसे करीब जाएगा और नासा ने इस मिशन का नाम Touch The Sun रखा है । ये एक ,एक रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट है। इसका उद्देश्य सूर्य के सबसे बाहरी भाग  कोरोना’ के वातावरण का अध्ययन करना है। अब पार्कर सोलर प्रोब ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसे जानकर आप खुश हो जाएंगे।

पार्कर सोलर प्रोब ने अपनी लांचिंग के सिर्फ 161 दिन में ही सूर्य की पहली परिक्रमा पूरी कर ली है। और  योजना के मुताबिक अब  अपनी दूसरी परिक्रमा भी शुरू कर दी है। इसी दौरान ये सूर्य के सबसे पास पहुंचेगा जो किसी के लिए भी एक ऐतिहासिक पल होगा।

अब आप सोच रहे होंगें कि सूरज तो आग का बहुत बड़ा गोला है तो भला पार्कर सोलर प्रोब कैसे उसके नजदीक जा सकता है । या हो सकता है कि आपको ये बातें झूठी लगे।  इसनें कोई दो राय नहीं है कि सूर्य के आसपास के  वातावरण का तापमान  लगभग 1400 डिग्री सेल्सियस होगा। जहां जाकर कोई भी चीज एक ही सेकंड में जलकर राख हो जाएगी। इसीलिए तो ऐसे  तापमान से स्पेसक्राफ्ट को बचाने के लिए पार्कर सोलर प्रोब पर करीब 12 सेंटीमीटर मोटी हीट शील्ड लगाई गई है। जो सूर्य की किरणों से इसकी रक्षा करती है। इसमें लगा थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम , इसे सोलर रेडिएशन के प्रभाव से बचने में मदद करता है। साथ ही पार्कर सोलर प्रोब में एक वॉटर कूलिंग सिस्टम भी लगाया गया है, जिससे इसके सोलर पैनल सूर्य की ऊर्जा से बचेंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचने के बावजूद स्पेसक्राफ्ट का तापमान 29 डिग्री सेल्सियस बना रहेगा।

इसी थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम  की मदद से पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य के पास पहुंचकर अपनी पहली परिक्रमा पूरी की । अभी तक अपनी यात्रा के दौरान इसने कई रिकार्ड कायम किए हैं। जिसमें सबसे अधिक दूरी तक की यात्रा करना और सबसे तेज स्पीड के यान का रिकार्ड भी इसी के नाम पर दर्ज है।  वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये यान  4 अप्रैल, 2019 को सूर्य के सबसे निकट यानी 150 लाख मील की दूरी पर पहुंच जाएगा । अपने Touch The Sun मिशन के दौरान पार्कर सोलर प्रोब सूर्य के कुल 24 चक्कर लगाएगा।

जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी के अप्लाइड फिजिक्स लैबोरेटरी (Johns Hopkins University Applied Physics Laboratory) से  पार्कर सोलर प्रोब के प्रोजेक्ट के मैनेजर एंड्री ड्राइसमैन (Andy Driesman)  का कहना है कि पार्कर प्रोब का पहला चक्कर ही कई रहस्यों से पर्दा उठाने में कामयाब साबित हुआ है। हमे खुशी है कि रिसर्च टीम ने इस यान की दिशा और गति के बारे में जो पूर्वानुमान लगाया था वो बिल्कुल सटीक रहा, तभी तो पार्कर सोलर प्रोब पहले से निर्धारित दिशा और धुरी पर चल रहा है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक-  पार्कर सोलर प्रोब का दूसरा चक्कर पूरा होने के बाद उसमें सुरक्षित रखे गये सारा डाटा निकाल लिया जाएंगा जिससे इसमें नय़ा डाटा स्टोर करने के लिए पर्याप्त स्पेस  बना रहे। अप्रैल में सूर्य के चक्कर काटते समय इस यान की सूरज से दूरी करीब 150 लाख मील होगी।

ड्राइसमैन(Driesman) ने कहा, ‘अंतरिक्ष यान की पहली कक्षा की यात्रा शानदार रही। इस दौरान हमने अंतरिक्ष यान के functioning और परिचालन (operation) के बारे में बहुत कुछ सीखा। हमें मालूम चला कि पार्कर सोलर प्रोब, सौर पर्यावरण (solar environment ) में किस तरह व्यवहार करता है।

ये अंतरिक्ष यान अपने उपकरणों से  Deep space network के जरिए धरती पर लगातार data भेज रहा है और अभी तक  सूर्य से जुड़े 17 गीगाबाइट के data को डाउनलोड किए जा चुका है और पूरा data अप्रैल तक डाउनलोड कर लिए जाएगा।

वैज्ञानिकों को इस यान के चार उपकरणों से सूर्य से जुड़े कुछ अहम प्रश्नों के जवाब जानने में मदद मिलेगी जैसे कि – अंतरिक्ष में सौर पदार्थ और कण इतनी अधिक तेजी से कैसे बढ़े और फैले? सूर्य का वातावरण ,यानी ‘कोरोना’ ,  वो उसकी सतह से इतना ज्यादा गर्म क्यों है? पार्कर सोलर प्रोब से एकत्रित किए डाटा से अब वैज्ञानिकों को इन सभी सवालों के जवाब आसानी से मिलने की उम्मीद है।

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