भानगढ़ का किला – जहां सूरज ढलते ही जाग जाती हैं आत्माएं

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Bhangarh: the most haunted fort in India

 दुनिया का कोई भी किला अपनी खुबसूरती के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसा किला भी है जो अपनी खुबसूरती के लिए नहीं बल्कि अपने भूतीया होने की वजह से बहुत फेमस है। इसका नाम है, भानगढ़ का किला। ये राजस्थान के अरवल में अरावली की पहाड़ियों के बीच बना हुआ है जो अब बस एक रहस्यमयी खण्डहर बनकर रह गया है ।

भानगढ़ किले को भारत की सबसे डरानवी जगहों में से एक माना जाता है| लोगों का कहना है कि ये किला शाप के कारण एक रात में ही खंडहर में बदल गया था। इसीलिए अब यहां सिर्फ खंडहर ही बचे हैं और जिनमें रात को  भूतों की महफिल लगती है इसीलिए  यहां रात के समय में रुकने र पाबंदी है। आज तक कोई भी इस जगह पर रात गुजारने की हिम्मत नहीं कर पाया है।

इतना ही नहीं  इस किले में एंट्री करने वालों को पहले ही चेतावनी दे दी जाती है कि वो सूर्यास्त के बाद इस किले में ही नहीं बल्कि इसके आस पास भी न आएं। आजतक किसी को नहीं पता कि रात में किले के अंदर ऐसा क्या होता है कि जिससे लोग डर जाते हैं |

अतीत का भानगढ़ किला था खूबसूरत

17वीं शताब्दी में राजा माधो सिंह ने इसका निर्माण कराया था। यहाँ बाजार, महल, बाग-बगीचे, कूएं-बावडि़यां महल और हवेली सब कुछ है लेकिन सब खण्डहर बन गए हैं। मानो रातों रात ये शहर उजड़ गया हो। भानगड़ की जनसंख्‍या उस समय तकरीबन 10,000 थी, इसीलिए इसे बहुत ही बड़े आकार में तैयार किया गया था। चारों ओर से पहाड़ों से घिरे इस किले में बेहतरीन शिल्‍पकलाओं का इस्तेमाल किया गया है। इस किले में कुल पांच द्वार हैं और साथ साथ एक मुख्‍य दीवार है। इस किले को बनाने के लिए मजबूत पत्‍थरों का इस्तेमाल किया गया था तभी तो आज भी ये  ज्यों का त्यों ही है।

भानगढ़ किले पर कालें जादूगर सिंघिया का शाप

भानगड़ किला जितना खूबसूरत है उसका अतीत उतना ही भयानक । कि भानगड़ किले के बारें में एक कहानी के बहुत ही फेमस है। इसके मुताबिक भानगढ़ किले में रत्नावती नाम की एक राजकुमारी रहती थी.. जिसे सिंधु सेवड़ा नाम का एक जादूगर बहुत प्यार करता था और उसे अपनी पत्नी बनाना चाहता था | उसने कई बार राजकुमारी पर अपना जादू चलाकर उसे  वश में करने की कोशिश की लेकिन वो उसमें कभी कामयाब नहीं हो पाया। फिर एक बार  जब राजकुमारी अपनी सहेलियों  के साथ बाजार में में एक इत्र की दुकान पर पहुंची और वो इत्रों को हाथों में लेकर उसकी खुशबू ले रही थी। उसी समय उस दुकान से कुछ ही दूरी सिंघीया खड़ा होकर उन्हें देख रहा था।

उसने उस दुकान के पास आकर उसी इत्र की बोतल, जिसे रानी पसंद कर रही थी । उस पर काला जादू कर दिया जो राजकुमारी के वशीकरण के लिए किया था। राजकुमारी भी तंत्र विद्द्या की ज्ञाता थीं। उन्हें जादूगर की हरकत का पता चल गया। राजकुमारी  ने उस इत्र की बोतल को उठाया, और वहीं पास के एक पत्थर पर पटक दिया। पटकते ही वो बोतल टूट गई और सारा इत्र उस वहीं पर बिखर गया।

इस करह राजकुमारी ने  उस जादूगर के हर जादू को बेअसर कर दिया और  उसकी हत्या कर दी | मरते समय जादूगर ने राजकुमारी को श्राप दिया कि इस किले में रहने वालें सभी लोग जल्दी ही मर जायेंगे और वो दोबारा जन्म नहीं ले सकेंगे। उनकी आत्मा हमेशा इस किले में भटकती रहेगी। जादूगर की मौत के कुछ दिन बाद भानगढ़ और अजबगढ़ के बीच युद्ध हुआ। जिसमें भानगढ़ किले में रहने वाले सारे लोग मारे गए।

कहा जाता है कि इस किले में शाम होने के बाद जो भी गया वो कभी वापस नहीं आया। लोगों का मानना है कि इस किले में आज भी रूहों का कब्जा है। कुछ लोगों ने इस किले में भटकती आत्मओं तक को देखा हैं। इसकी सच्चाई को परखने के लिए कई बार सेना के जवानों द्वारा प्रयास किया गया। लेकिन वे भी असफल रहे। सैनिकों ने भी किले मे आत्माओं के होने की बात को माना है। जादूगर के श्राप के कारण आज भी इस इलाके में कई बार तलवारो के आपस में टकराने की आवाजें और चीख़ पुकार सुनाई देती है।  यहाँ तक कि  पुरातत्व विभाग ने भी एक बोर्ड लगाया है जिसमें सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद किले में प्रवेश ना करने की सख्त हिदायत दी है।

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