लखनऊ में है भूतों का डेरा!

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Ghosts in Old Lucknow

Most Haunted Place In Lucknow
Beligarad

लखनऊ ऐसा शहर है जिसे नवाबों का शहर कहा जाता है। जहां की अदब और नफासत के चर्चे दुनियाभर में मशहूर हैं। लेकिन एक समय था जब लोग यहां से गुज़रने पर खौफ खाते थे। क्योंकि दिन ढलते ही यहां भूत प्रेतों का डेरा जमने लगता था। क्या आप जानना चाहते हैं ऐसी कौन सी जगह है जहां शाम होते ही लोग खिड़की दरवाजे बंद कर लेते हैं ?किसी के अंदर इतनी हिम्मत नहीं होती कि कोई रात में घर से बाहर भी झांक सके। तो चलिए शुरूआत करते हैं…

लखनऊ का beligarad एक ऐसी जगह है । जिसका नाम जुबा पर आते ही लोगों के पसीने छूटने लगते हैं, पैरों तले जमीन खिसक जाती है। दरअसल बेलीदारद यानी रेजीडेंसी उस रास्ते पर है जो पुराने लखनऊ को नये लखनऊ से जोड़ता है । कहते हैं कि एक समय था जब हजरतगंज के लोग रात को पुराने लखनऊ के रास्ते जाने से कांपते थे। जिसकी सबसे बड़ी वजह था भूतिया बेलीगारद ।

वैसे तो लखनऊ में देखने के लिए कई ऐतिहासिक स्थल हैं लेकिन यहां के Residency रेजीडेंसी की बात कुछ अलग है क्योंकि ये एक hunted place है । एक समय था जब रेजीडेंसी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बड़े अधिकारी रहा करते थे। इसके निर्माणकार्य की बात करें तो 1775 में Nawab Asaf Ud Daula नवाब आसफ उद दौला ने शुरू कराया था। जबकि 1800 ई. में इसे Nawab Saadat Ali Khan नवाब सादत अली खान ने इस पूरा कराया।

ये भी कहा जाता है कि यहां एक कब्रिस्तान है। जिसमें 1857 की जंग में मारे गये अंग्रेजों को दफनाया गया था। सभी कब्र पर एक एक पत्थर लगा है जिस पर मरने वाला का नाम लिखा है।

सच्ची घटना

एक बार लखनऊ के लाल बहादुर शास्त्री हॉस्टल में रहने वाले तीन दोस्तों के बीच शर्त लगी कि किसमें इतनी हिस्मत है कि वह रेजीडेंसी में एक रात रूक सके। उस समय रेजीडेंसी को लेकर इतना खौफ था कि रात में समय बिताना तो दूर कोई इसके आस-पास भटकता तक नहीं था। ऐसे में यहां अकेले रात बिताना मौत के मुंह में जाने से कम नहीं था।

शर्त लगी तो जाना भी जरूरी था। तीनों दोस्त हिम्मत कर बेलीगारद पहुंचे। रेजीडेंसी की दीवारें टूटी हुई थी। इसलिए किसी को अंदर जाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। जैसे की समय बीतने लगा तो, दो दोस्त तो वहां से चले गए लेकिन एक वहीं रह गया। सुबह होते ही जैसे बाकी के दो दोस्त रेजीडेंसी पहुंचे तो उनकी आंखे फटी की फटी रह गई। उन्होंने देखा कि उनका तीसरे दोस्त की लाश जमीन पर पड़ी है। पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि हार्ट अटैक आने से उनके दोस्त की मौत हो गई थी।

मौत की वजह वो डर था जो भूत के किस्स कहानी उसने सुने थे। पुलिस ने जब इस मामले की जांच पड़ताल की, तो सामने आया कि जमीन में एक कील गड़ी थी जिसमें उसका कुर्ता फंस गया था । ये किसी और ने नहीं बल्कि उसी के दोस्तों ने मौज मस्ती में गाड़ दी थी।

आज भी छूट जाते हैं पसीने

कहते हैं बेलीगारद यानी रेजीडेंसी के पास से गुजरने पर मार काट की जोर-जोर से आवाजें आती हैं। देखने पर ऐसा लगता है मानो पेड़ों पर सफेद कपड़ों में भूत प्रेत या आत्माएं लटक रही हो। कहा जाता है कि बेलीगारद के पीछे लाशें मिलती थी। हालांकि समय बदल गया है लेकिन आज भी लोग यहां जाने से बचते हैं। इस डर से कि कहीं कोई अनहोनी ना हो जाएं।

बन चुका है पर्यटन स्थल

अगर आप यहां जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं क्योंकि अब इसकी मरम्मत कर रेजीडेंसी को संरक्षित कर दिया गया है। चारों ओर बाउंड्री कर, लाइटिंग की उचित व्यवस्था है। रात में भी यहां लोग आराम से आ जा सकते हैं। रेजीडेंसी में शाम को कार्यक्रम भी आयोजित होता है जिसमें इसके इतिहास को दिखाया जाता है। यहां एक मेमोरियल म्युजियम भी है। इसमें 1857 की लड़ाई का सुंदर चित्रण देखने को मिलता है। रेजीडेंसी के आसपास बड़े बड़े लॉन हैं। जिन्हें खूबसूरती से संवारा गया है।

खैर इस कहानी में कितना सच है और कितना झूठ। इसका अंदाजा लगाना तो मुश्किल है। लेकिन ये सच है कि आज भी ये जगह रात के सन्नाटें में HAUNTED PLACE  में तब्दील हो जाती हैं। लोग यहां जाने से डरते हैं।

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