पार्कर सोलर प्रोब ने खींची सूरज के वातावरण की पहली तस्वीर

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parker solar probe first images

1st Image of the Sun from Parker Solar Probe

60 साल से वैज्ञानिक इस मिशन का इंतज़ार कर रहे थे। सूर्य के कोरोना में बहुत सारे रहस्य क़ैद है जिसे हम सुलझाने के लिए न जाने कब से बेकरार है। Parker Solar Probe को जिन उम्मीदों के साथ आज से 128 दिन पहले यानि 12 अगस्त 2018 को। लॉच किया गया था वो उनको पूरा करते हुए दिख रहा है।

नासा ने  Parker Solar Probe के द्वारा ली गई पहली तस्वीर जारी की है जिसमें हम साफ तौर से सूरज के वातावरण यानि उसके ATMOSPHERE की झलक देख सकते हैं। Parker के wispr  यानि Wide-Field Imager For solar probe की मदद से खींची गई। ये तस्वीर तब ली गई है। जब Parker probe सूरज से 16.9 million miles की दूरी पर उसके कोरोना में है। यहां मौजूद होने पर प्रोब की हीट शील्ड को  लगभग 440 degrees सेल्सियस तक का temperature झेलना पड़ रहा है। जैसे -जैसे प्रोब सूरज के और करीब जाएगा temperature और ज़्यादा राइस होगा । जो लगभग 1372 degrees सेल्सियस तक पहुंचेगा।

आइए अब हम इस तस्वीर को करीब से देखते हैं ।  तस्वीर के LEFT SIDE MEIN हम दो अलग से पहचान में आने वाले सोलर फ्लेयर्स यानी coronal streamers को देख सकते हैं।  सूरज से निकलने वाली इस horizontal bright streak को देखकर समझ आता है कि ये बीम कितने सारे energized particles से बनी है। हमारा ध्यान सबसे ज़्यादा अपनी ओर आकर्षित कर रही है। साइंटिस्ट जानते है कि ये काफी  dense और धीमी गति से बढ़ने वाली beams हैं लेकिन वो अभी भी नहीं जानते हैं कि इनका कैसे और कब जन्म हुआ।  

First image from inside sun's atmosphere
Credit: Fox News

अब नज़र डालते हैं इस अलग से ही चमक रहे छोटे से बिन्दु पर । ये प्लैनेट मर्कयूरी है जिसपर सूरज की तेज़ रोशनी पड़ रही है । हालांकि मर्कयूरी से प्रोब  millions की दूरी पर है। मर्कयूरी के आसपास आपको काले dots भी नज़र आ रहे होंगे। ये Mercury और Jupiter के निशान है जब वो अपने orbit में सूरज कि परिक्रमा कर रहे थे।  क्योंकि ये coronal beam को कैप्चर करने के लिए एक long exposure shot था। तो हम दोनों ग्रहों के रेवोल्यूशन के हिसाब से इन धब्बों को देख सकते हैं। ये तस्वीर November 8 को ली गई थी।

ये जानकर आपको ज़रूर अच्छा महसूस होगा कि Oct. 31 से Nov. 11, 2018 के बीच Parker Solar Probe ने अपने मिशन का पहला चरण पार कर लिया है। हालांकि अभी भी इसके लिए बहुत सारा काम बाकी है।  इस Probe को कुल मिलाकर सूरज के 24 चक्कर काटना है। यानि इस मिशन के 24 solar encounter phases हैं। Parker Solar Probe वीनस ग्रह के gravity-assistance के ज़रिये धीरे-धीरे सूरज के नज़दीक जाकर अपनी orbit को छोटा करने की कोशिश करेगा।

Parker Solar Probe इतना जोखिम इसलिए उठा रहा है क्योंकि इसका मकसद solar phenomena को पूरी तरह से जानना है। नासा के साइंटिस्ट ने इसको तीन महत्तपूर्ण सवाल के साथ ऊपर भेजा है।ये अनसुलझे सवाल हैं  कि कोरोना जो कि सूरज का बाहरी वातावरण है। आखिर उसका temperature सूरज के सरफेस से 300 गुना ज़्यादा क्यों है।

इसके अलावा दो रोचक प्रश्न ये हैं कि किन कारणों से solar wind की स्पीड इतनी ज़्यादा होती है। कैसे सूरज के सबसे ज़्यादा energetic particles । लाइट की आधी स्पीड से भी ज़्यादा तेज़ी से सूरज से दूर जाते हैं। ये वही सवाल हैं जिन्होंने ने सालों से वैज्ञानिकों का माथा चकरा कर रखा है। इन सवालों का जवाब पाने के लिए ये ज़रूरी है कि solar corona की sampling की जाए। सोलर विन्ड्स को करीब से समझा जाए और पार्कर सोलर प्रोब ठीक वैसा ही कर रहा है।

Sept. 19 को इसने पहली light की images स्पेस से भेजी जिससे साइंटिस्ट को पता चला कि प्रोब के सारे यंत्र ठीक से काम कर रहे हैं। October के महीने में Parker Solar Probe ने पहले से ही इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। इसने दो  रिकार्डस एक साथ बनाए हैं –  ये पहला ऐसा अंतरिक्षयान है जो सूरज के इतने करीब पहुंचा है । इसके अलावा ये अबतक का fastest spacecraft  तो है ही। स्पीड का ध्यान इसलिए रखा गया है क्योंकि probe को सूरज का चक्कर काटने के लिए उसकी रोटेशनल स्पीड को मैच करना आवश्यक है।

खैर अभी तो एक ही पिच्चर नासा ने हमारे सामने रखी है। प्रोब ने अपने पहले चरण में काफी डाटा इक्ट्ठा कर लिया है ।जिसे वैज्ञानिक डाउनलिंक करने के इंतज़ार में है ।जो तबतक संभव नहीं है जबतक प्रोब का दूसरा सोलर encounter 2019 में पूरा न हो जाए। आगे जाकर सूरज के बेहद करीब से भी फोटोस आने की उम्मीद है।

Parker Solar Probe  के अलावा SOHO-  Solar Heliospheric Observatory,  SDO -Solar Dynamics Observatory और STEREO-A Solar and Terrestrial Relations Observatory Ahead नाम के  spacecraft भी सूरज की स्टडी कर रहे हैं। भले ही वो अपने आप में बहुत बेहतर भूमिका निभा रहें हो लेकिन पार्कर सोलर प्रोब पर सबकी नज़र बनी हुई है। जहां STEREO सूरज का चक्कर करीबन 1 AU यानि ASTRONOMICAL UNIT की दूरी पर लगा रहा है … वहीं SDO geo-synchronous Earth orbit में है । बात अगर SOHO की करें तो वो  Sun–Earth LaGrange 1 point  के around  halo orbit में है. पर इन सबको कई गुना पीछे छोड़ते हुए  पार्कर सोलर प्रोब को  .25 AU की दूरी तक सूरज के करीब जाना है।

साइंटिस्ट को उम्मीद है जिस मिशन पर पार्कर सोलर प्रोब है वो बहुत बेहतरीन खोज कर सकता है।शायद ऐसी खोजें जिनके बारे में इन्सान दूर-दूर तक न सोच सकता हो। पार्कर सोलर प्रोब अपना मिशन साल 2025 तक जारी रखने वाला है।

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