क्या हम मंगल ग्रह पर पेड़ उगा सकते हैं?

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Plant on mars

साइंस फिक्शन प्रेमियों का हमेशा से एक सपना रहा है कि वह किसी और ग्रह पर मानव को बसता हुआ देखें और उनकी ये ख्वाहिश इसी सदी में पूरी हो जाएगी। क्योंकि 2024 में हम मंगल ग्रह पर जा रहे हैं । लेकिन सवाल उठता है कि एक ग्रह पर हमें जीवन जीने के लिए क्या क्या चीजें चाहिए ? जैसे हवा, पानी, पेड़ उगाने लायक मिट्टी, सही तापमान वगैरा-वगैरा। मंगल ग्रह पर CO2 भरा पड़ा है जिसे हम कार्बन और ऑक्सीजन में अलग करके ऑक्सीजन बना सकते हैं।

वहीं मंगल ग्रह के पोल्स यानि ध्रुवों में पानी भरा पड़ा है लेकिन वह तरल अवस्था में नहीं बल्कि वहां जमा हुआ है पर वैज्ञानिक कुछ जुगाड़ लगाकर उस पानी को पिघला सकते हैं। वहीं सही तापमान हमें तब मिलेगा जब हमें मंगल ग्रह पर एक वातावरण मिले और यह तभी संभव हो पाएगा जब मंगल ग्रह पर मैग्नेटिक फील्ड मिले। जैसा कि हम जानते हैं कि मंगल ग्रह पर मैग्नेटिक फील्ड नहीं है क्योंकि मंगल ग्रह का कोर ठोस हो चुका है।

हम मंगल ग्रह के कोर को फिर से लिक्विड तो नहीं बना सकते पर नासा के अनुसार मंगल ग्रह के Lagrange point पर टेस्ला की 2 मैग्नेट को स्थापित कर सकते हैं। जिससे वह मंगल ग्रह को मैग्नेटिक फील्ड प्रदान करेंगी। इस कारण मैग्नेटिक फील्ड के आ जाने से मंगल ग्रह पर थोड़ा सा वातावरण बनेगा। यह वातावरण मंगल ग्रह को 4 डिग्री सेल्सियस तक गर्म कर देगा। 4 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने से मंगल ग्रह के पोल्स पर जमी हुई सारी CO2 गैस बन जाएगी और सारा जमा पानी पिघल जाएगा।इससे मंगल ग्रह पर एक घना वातावरण बन जाएगा और सारा पानी पिघलकर नदियों को जन्म देगा। हमें फिर CO2 से कार्बन और ऑक्सीजन को अलग करने का प्लांट लगाना होगा और फिर मंगल ग्रह लगभग पृथ्वी जैसा हो जाएगा।

पर रुकिए… मंगल ग्रह पर पेड़ पौधों को भी तो उगाना पड़ेगा। तो हम उसे कहां उगाएंगें। क्योंकि मंगल ग्रह की मिट्टी पृथ्वी पर मिलने वाली मिट्टी की तरह नहीं है और ना ही चांद या फिर किसी और ग्रह की। सवाल उठता है कि किसी ग्रह की मिट्टी में एक पेड़ कब उगेगा ? जाहिर सी बात है कि जब उस जगह की मिट्टी में एक स्पेसिफिक पत्थर, तापमान, पत्थर या मिट्टी की एक स्पेसिफिक उम्र और उसमें मौजूद Microorganism होगें। यह चार फेक्टर उस जगह की मिट्टी पर जिस तरह फिट बैठेंगे उस जगह उसी टाइप का पेड़ होगा।

जिस तरह सेब ठंडी जगह में उगते हैं और आम ज्यादातर गर्म जगह पर। शुक्र, मंगल ग्रह और चांद पर वातावरण डिफरेंट है। शुक्र का वातावरण बहुत डेंस है जिस कारण वहां प्रेशर पृथ्वी से 91 गुना ज्यादा है। वहां पर वातावरण ज्यादातर सल्फरडाई ऑक्साइड और CO2 से बना है जबकि पानी और ऑक्सीजन बहुत कम है वहीं तापमान 400 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है। शुक्र ग्रह में बारिश होने पर सल्फ्यूरिक एसिड बरसता है। वहीं मंगल ग्रह पर भी वातावरण खतरनाक है वहां पर मीटियोराइट्स की बारिश आम बात है। यही नहीं वहां तूफान इतना खतरनाक आता है कि वैसा तूफान पृथ्वी में कभी नहीं आया होगा। वहीं बात करें चांद की तो वहां धूल मिट्टी और पत्थर भरे पड़े हैं। जो सोलर विंड की चपेट में आकर जहरीले हो चुके हैं इसलिए उस मिट्टी में पेड़ उगेगा भी नहीं।

पर मंगल ग्रह का केस थोड़ा अलग है। हम ना तो चांद के वातावरण का कुछ कर सकते हैं और ना ही शुक्र का। हमारे हाथ में सिर्फ मंगल ग्रह का तापमान चेंज करने का ही आईडिया है। मंगल ग्रह की मिट्टी भी रेडिएशन और सोलर विंड से तबाह हो चुकी है पर वैज्ञानिकों ने मंगल की मिट्टी में एक रिसर्च की थी। जिसमें यह पाया गया कि मंगल ग्रह की मिट्टी में अगर हम सिलिका जेल डाले तो वह मिट्टी के सारे रेडिएशन को खत्म कर देगा। सिलिका जेल वही चीज है जो नए प्रोडक्ट को खरीदने पर हमें उस पैकेट में मिलता है।

मान लीजिए हमने मंगल ग्रह की मिट्टी को तापमान दे दिया और वहां की मिट्टी भी अच्छी खासी पुरानी है। साथ ही हमने उसमें से रेडिएशन भी हटा दिया पर हम उस मिट्टी में Microorganism कहां से लाएंगें। क्योंकि बिना Microorganism के हम किसी भी मिट्टी में पृथ्वी पर भी पेड़ नहीं उगा सकते। एक Microorganism ही मिट्टी में रहकर उसको सही Nutrients देता है। जिससे कि पेड़ पोधे अच्छे से उगें।

2008 में नासा के फीनिक्स मार्स लैंडर (Phoenix Mars Lander) के एक एक्सपेरीमेंट से यह पता चला था कि पृथ्वी के बाद मंगल ग्रह की मिट्टी ही पेड पौधों के उगाने के लिए सक्षम है और एक दिन इंसान इस मिट्टी में सिर्फ थोडे़ से बदलाव करके ही मंगल पर पेड़ उगा सकते हैं। हम यह भी कर सकते हैं कि मंगल पर खेती के लिए फिलहाल एक अपार्टमेंट बना लें जिसमें तापमान प्रेशर सब सही हो और हम मंगल की मिट्टी को प्योरिफाई कर उसमें Microorganism को पृथ्वी से ले जाकर डाल दें, पर उन्हें भी एक नए वातावरण को एडोप्ट करने में समय लगेगा।

हालांकि एक समय पेड़ उगाने के लिए ग्रेविटी भी एक समस्या थी पर चाइना ने अभी कुछ साल पहले अपने एक मून मिशन के दौरान एक रिसर्च में चांद की पृथ्वी से 6 गुना कम ग्रेविटी में ही एक पौधे को अपने स्पेसक्राफ्ट पर उगाया था। क्या आप जानते हैं कि वह किस चीज का पौधा था। हमें कोमेंट करके बताएं।

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