Wallace’s giant bee has been rediscovered in Indonesia
आमतौर पर एक मधुमक्खी का आकार 2 मिमी से भी छोटा होता है लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों को एक ऐसी मधुमक्खी मिली है जो लगभग ढाई इंच यानी 6 सेमी लंबी है। इसे वैज्ञानिक भाषा में Wallace’s giant bee और आम भाषा में फ्लाइंग बुलडॉग कहा जाता है।
Wallace’s giant bee का साइज इंसान के अंगूठे के जितना मान सकते हैं। इसी के चलते
Wallace’s giant bee को दुनिया की सबसे बड़ी मधुमक्खी माना जा रहा है।
दुनिया में कीट पतंगों की भी कई ऐसी प्रजातियां है जो अब विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त होने के कगार पर है। वैज्ञानिक खोज में जुटे हैं ताकि इन्हें बचाया जा सके।
इसी के चलते वैज्ञानिकों ने दुनिया की सबसे बड़ी मादा मक्खी को खोज निकाला है। ये ऐसी प्रजाति की मक्खी है जो कई दशकों से गायब थी, जिसे 2019 में इंडोनेशिया के आईलैंड में खोजा गया। इसका नाम Wallace’s giant bee है दरअसल ये नाम प्रकृतिवादी और खोजकर्ता Russel Wallace रसेल वैलेस के नाम पर रखा गया है।
खोजकर्ताओं का कहना है कि वह इस खोज में लंबे समय से जुटे थे जिन्हें अब जाकर सफलता मिली है। दरअसल पर्यावरण समूह ग्लोबल वाइल्ड लाइफ कंज़र्वेशन ने ‘विलुप्त प्रजातियों’ की खोज के लिए एक अभियान चलाया है और ये खोज इसी अभियान का हिस्सा है।
उनका कहना है कि इस प्रजाति की अकेली जिंदा मधुमक्खी मिली है। 1981 में वैज्ञानिकों ने इस मक्खी के Specimen को देखा था जिसके बाद से इस प्रजाति को कभी देखा नहीं गया। ये मक्खी तराई इलाकों के जंगलों में पाई जाती है।
इस अनोखी और असाधारण मधुमक्खी की सबसे पहली तस्वीर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर क्ले बोल्ट ने ली। उनका कहना था कि ये मक्खी बहुत ही खूबसूरत है जिसकी उड़ने के दौरान पंखों से पैदा होनी आवाज बेहद अलग है। क्ले बोल्ट का कहना है कि हमें लगता था कि ये प्रजाति अब विलुप्त हो चुकी है। लेकिन जब हमने इसे देखा तो हैरान रह गए।
Normally मादा मक्खी की लंबाई 2 mm से भी कम होती है जो मेल मक्खी के मुकाबले ज्यादा बड़ी होती है। एक बात और कि केवल मादा मधुमक्खी के पास बड़ा जबड़ा होता है जिसका काम रेजिन इकट्ठा करने और छत्ता बनाने में किया जाता है।
कैसे मिली दुनिया की सबसे बड़ी मधुमक्खी
क्ले बोल्ट का कहना हैं कि वह अपनी टीम के साथ इंडोनेशियाई दीमक की एक प्रजाति को ढ़ंढने गए थे। तभी उनकी नज़र एक ऐसे पेड़ पर पड़ी, जहां दीमक का घोंसला था। उन्होंने घोंसले में जब टार्च से रोशनी मारी तो अंदर एक चमकती हुई मधुमक्खी दिखाई दी। बोल्ट ने फौरन उसे घास की मदद से बाहर निकला। वो बताते हैं कि उन्होंने Wallace’s giant bee को जंगल में अकेले छोड़ दिया और उसकी जानकारी किसी को नहीं दी, ताकि कोई शिकारी इसे पकड़ न सके।
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट का कहना हैं कि मधुमक्खी जमीन से दो मीटर की ऊंचाई पर एक पेड़ में बने दीमक के घोंसले में रह रही थी। यह यूरोपियन मधुमक्खी से 4 गुना ज्यादा बड़ी है।
वैज्ञानिक बताते हैं कि Wallace’s giant bee को अकेले रहना ज्यादा पसंद है। वह मधुमक्खियों की आम कॉलोनी में नहीं रहती। हालांकि वैज्ञानिक भी इसके जीवन चक्र के बारे में ज्यादा कुछ जान नहीं पाए हैं। वे अब तक अंजान हैं।
1981 में इसे आखिरी बार तब देखा गया जब अमेरिकी कीटविज्ञानी एडम मेसर ने इंडोनेशिया में इसकी खोज की । उस दौरान इस प्रजाति के छह घोंसले देखे थे।
Wallace’s giant bee दीमक के टीले में अपना घोंसला बनाती है। इतना ही नही, ये दीमक से बचने के लिए अपने बड़े जबड़ों का इस्तेमाल करती है और पेड़ से निकलने वाले चिपचिपे पदार्थ को जमाकर अपने घोंसले को सुरक्षित करती है। इस लिहाज से वैज्ञानिक इसे समझदार मक्खी भी मानते हैं।
वैलेस और चार्ल्स डार्विन ने ‘इवॉल्यूशन के सिद्धांत’ पर काम किया था जिसमें उन्होंने
Wallace’s giant bee के बारे में बताया कि ये एक बड़े काले हड्डे जैसे कीड़े की तरह है जिसके जबड़े बेहद बड़े हैं’
जैसा की हमने पहले भी बताया कि Wallace’s giant bee इंडोनेशिया के North Maluku island पर पाई गई है। इसी के चलते खोजकर्ता अब कीड़े-मकोड़ों की ऐसी प्रजातियों की खोज में जुटे हैं जो दुनिया से लगभग विलुप्त होने की कगार पर हैं ताकि उन्हें विलुप्त होने से बचाया जा सके।